केंद्र के इस कदम से राशन डीलरों को संशय के बादल नजर आ रहे हैं
कोलकाता। राशन में गड़बड़ी रोकने के लिए राज्य सख्त कदम उठा रही है। अब से राशन दुकान में सरकार द्वारा आवंटित चावल और गेहूं का स्टॉक पूरा नहीं होने पर जुर्माना ठोक दिया जाएगा।
राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस तरह के दिशानिर्देश जारी किये हैं।गाइडलाइन के मुताबिक, राशन दुकान से आवंटन से अधिक बरामद चावल और गेहूं की मात्रा का तीन गुना जुर्माना देना होगा। यह व्यवस्था राशन सामग्री की तस्करी को रोकने के लिए है। कई बार राशन डीलर सरकारी सब्सिडी वाला चावल, गेहूं और आटा खुले बाजार में बेच देते हैं।ऐसा न हो इसके लिए अब से राशन दुकान में कितना चावल, गेहूं, आटा जमा है, इसका हिसाब लगाया जाएगा। प्रतिदिन कितना चावल, गेहूं, आटा वितरित किया जाता है, यह ई-पॉस मशीन में दर्ज किया जाता है। मशीन की जांच से ही पता चलेगा कि कितना माल डीलर के पास जाता है। इससे कम या ज्यादा होने पर संबंधित डीलर पर जुर्माना लगाया जायेगा।जरूरत पडऩे पर डीलर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
राशन घोटाले के मामले में सीबीआई पहले ही राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। घोटालों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अब से खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर नियमित गुप्त छापेमारी कर राशन दुकानों के स्टॉक की जांच भी करेंगे। खाद्य विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और राज्य के तहत राशन दुकानों से ग्राहकों को जारी किए जाने वाले चालान में चावल, गेहूं और आटे की इकोनॉमी कॉस्ट का भी उल्लेख किया जाएगा।
फिलहाल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के उपभोक्ताओं को मिलने वाले चावल पर केंद्र 37.46 पैसे प्रति किलो खर्च करता है। केंद्र को एक किलो आटे पर 27 रुपए 9 पैसे का खर्च आता है। ये सब बिल में लिखा जाएगा. ताकि आम ग्राहक इसे समझ सकें।
खाद्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक यह कदम केंद्र सरकार के निर्देश पर है।इसे अन्य राज्यों में बहुत पहले ही पेश किया जा चुका है। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार पहले इस पर सहमत नहीं हुई. लेकिन केंद्र ने बताया कि राशन का पैसा रोक लिया जाएगा।उसे देखते हुए आखिरकार राज्य सरकार ने यह कदम उठाया। हालांकि, केंद्र के इस कदम से राशन डीलरों को संशय के बादल नजर आ रहे हैं।